क्या अस्पताल जाने से पहले आप सौ बार सोचते हैं? शायद नहीं, लेकिन ये खबर पढ़कर आप जरूर सचेत हो जाएंगे.

दो खौफनाक मामले सामने आए हैं, जो डॉक्टरों की लापरवाही की बानगी हैं. इन मामलों में मरीजों को न सिर्फ सही इलाज नहीं मिला बल्कि उनकी जान भी चली गई!

पहला मामला: घुटने का इलाज लेने गईं तो मौत मिल गई!

एक महिला घुटने के दर्द से परेशान थीं. उन्होंने इलाज के लिए डॉक्टर के पास जाने का फैसला किया. घुटने का ऑपरेशन हुआ. मगर बाद में पता चला कि डॉक्टर ने घटिया साधन (substandard implant) इस्तेमाल किया था! इतना ही नहीं, डॉक्टर ने मरीज का सही तरीके से इलाज भी नहीं किया. नतीजा ये हुआ कि महिला को तो भारी मुआवजा मिला लेकिन असली सजा तो उन्हें और उनके परिवार को भुगतनी पड़ी.

दूसरा मामला: प्रसव के बाद लापरवाही ने ली मां की जान!

एक और दिल दहला देने वाली घटना में, एक महिला को प्रसव के बाद अत्यधिक रक्तस्राव (postpartum hemorrhage) हुआ. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में इमरजेंसी के लिए सही सुविधा नहीं थी. साथ ही डॉक्टर ने भी लापरवाही बरती. अदालत ने भी माना कि अस्पताल को बेहतर तैयार रहना चाहिए था और डॉक्टर को जल्द कदम उठाना चाहिए था. मगर लापरवाही की वजह से मां को खोना पड़ा.

ये दो उदाहरण हैं, जो हमारे स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था की खामियों को उजागर करते हैं.

क्या आप जानते हैं, इलाज कराने के दौरान आपके क्या अधिकार हैं?

जी हां, मरीज के रूप में आपके कई अधिकार हैं. इलाज से पहले आपको बीमारी के बारे में पूरी जानकारी लेने का हक है. साथ ही, डॉक्टर को अपनाई जाने वाली प्रक्रिया और जोखिमों के बारे में भी आपको बताना चाहिए. आप ये चुनने के लिए स्वतंत्र हैं कि आप इलाज करवाना चाहते हैं या नहीं.

क्या लापरवाही करने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई की जा सकती है?

बिल्कुल! अगर आपको लगता है कि इलाज में लापरवाही हुई है तो आप उपभोक्ता अदालत में शिकायत दर्ज करा सकते हैं. वकील की मदद से आप मुआवजे का दावा भी कर सकते हैं.

अपने आप को कैसे सुरक्षित रखें?

  • हमेशा किसी जाने-माने और योग्य डॉक्टर के पास ही इलाज कराएं.

  • इलाज से पहले हर सवाल पूछें और डॉक्टर से पूरी जानकारी लें.

  • इलाज से जुड़े सभी दस्तावेजों को संभाल कर रखें.

  • अगर आपको लगता है कि इलाज में कमी हुई है तो चुप न रहें, अपनी आवाज उठाएं.

अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें और डॉक्टरों से भी सवाल पूछने का अधिकार रखें. ये आपका हक है!